‘डिज़ाइन इन्साफ’ के सिद्धांत - हिंदुस्तानी* में

(Principles of Design Justice Network - Hindustani)

*हम इस अनुवाद को हिंदी नहीं बल्कि ‘हिंदुस्तानी’ बुलाना चाहते हैं। रोज़ाना की बोलचाल में हम (अनुवादक) हिंदी और उर्दू के मिश्रण का इस्तेमाल करते हैं जिसे ‘हिंदुस्तानी’ बुलाया जाता है. इस अनुवाद में हमने उसी हिंदुस्तानी का इस्तेमाल करा है। हम यह इस लिए भी कर रहे हैं क्यूंकि आज कल हमारे देश के राजनितिक और सामाजिक माहौल में उर्दू जुबां और तहज़ीब की तौहीन की जा रही है और हिंदी भाषा अवं हिन्दुत्वादी सभ्यता को प्रमुखता दी जा रही है । डिज़ाइन इन्साफ के तौर पर हम सचेतना के साथ इन दोनों ज़ुबानों के मिश्रण के इस्तेमाल से इस नफरत और गैरपने वाली सभ्यता को चुनौती देना चाहते हैं।

यह एक जीवित दस्तावेज़ है। आखरी बदली : फरवरी २०२२ 

डिज़ाइन हमारी ज़िन्दगी और वास्तविकताओं पर काफी असर करता है, लेकिन फिर भी हम में से बहुत कम लोग डिज़ाइन प्रक्रियाओं में भाग लेते है।  विशेष रूप स, वह लोग जिन पर डिज़ाइन के फैसलों का सब से ज़्यादा असर पड़ता है - फैसले जो दृश्य संस्कृति, नयी तकनीकियों, समुदाय के आयोजन, या  राजनितिक और आर्थिक प्रणालियों से सम्बन्ध रखते है - वही लोग इन फैसलों पर और उनकी प्रक्रिया पर , सब से कम बोलबाला रखते है। 

‘डिज़ाइन इन्साफ’ डिज़ाइन प्रक्रियाओं को दोबारा सोचते हैं, उन लोगों को केंद्रित करते हैं जो आम तौर पर डिज़ाइन की वजह से उपेक्षित होते हैं,  और सहभागी, रचनात्मक प्रथाओं से हमारे समुदाय की सब से गहरी चुनौतियों का सामना करते हैं। 

*We would like to refer to this translation as a ‘Hindustani’ translation rather than ‘Hindi’. Colloquially, we (translators) speak a mixture of Hindi and Urdu, termed ‘Hindustani’, which is what we’ve used here. This is also keeping in mind that in our current political and social climate, Urdu language and Islamic culture are vilified while Hindi language and Hindutva culture is gaining prominence. As an act of design justice, we hope to challenge this designed culture of hatred and othering through the conscious use of a mixture of the two languages. 

This is a living document. Last update: February 2022

Design mediates so much of our realities and has tremendous impact on our lives, yet very few of us participate in design processes. In particular, the people who are most adversely affected by design decisions — about visual culture, new technologies, the planning of our communities, or the structure of our political and economic systems — tend to have the least influence on those decisions and how they are made.

Design justice rethinks design processes, centers people who are normally marginalized by design, and uses collaborative, creative practices to address the deepest challenges our communities face.

सिद्धांत १

हम डिज़ाइन से अपने समुदायों को परिपोषित, तंदुरुस्त, और सशक्त बनाते हैं और साथ ही साथ व्यवस्थित उत्पीड़न और ज़ुल्म से आज़ादी खोजते हैं।

सिद्धांत २

हम उनकी आवाज़ को केंद्रित करते हैं जिन पर 'डिज़ाइन' की प्रक्रिया और उस के परिणाम का सीधा  प्रभाव पड़ता है। 

सिद्धांत ३

हम समुदाय में ‘डिज़ाइन' के प्रभाव को ‘डिज़ाइनर' के इरादों से ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं।

सिद्धांत ४ 

हम बदलाव को एक उत्तरदायी, सुगम्य, और सहभागी प्रक्रिया से उभरता देखते हैं, न की एक प्रक्रिया के अंतिम लक्ष्य के तौर पर।   

सिद्धांत ५

हम डिज़ाइनर की भूमिका को एक ‘फैसिलिटेटर’ के तौर पर देखते हैं , विशेषज्ञ की नहीं।


सिद्धांत ६

हम मानते हैं कि सब अपनी ज़िन्दगी के अनुभवों के आधार पर विशेषज्ञ हैं, और हम सब ‘डिज़ाइन’ की प्रक्रिया में अपने अनोखे और निराले योगदान दे सकते हैं।

सिद्धांत ७

हम 'डिज़ाइन' का ज्ञान और उससे जुड़े साधन अपने समुदाय में सांझे करते हैं। 

सिद्धांत ८  

हम ऐसे परिणामों की कोशिश करते हैं  जो पोषणीय हो और समुदाय के नेतृत्व से बनें  और उन्ही के काबू में रहें।


सिद्धांत ९

हम ऐसे समाधान निकालने की कोशिश करते हैं जो उत्पीड़न मुक्त हों और हमें प्रकृति से और एक दूसरे से दोबारा जोड़ें।

सिद्धांत १०  

हम नए समाधान 'डिज़ाइन' करने से पहले समुदाय में जो अभी तक चल रहा हैं वह देखते है।  हम पारम्परिक, स्थानीय और स्वदेशी ज्ञान और प्रथाओं का आदर और उत्थान करते हैं।

सिद्धांत ११

हम सचेतना के साथ कोशिश करते हैं के हमारे 'डिज़ाइन' कार्य से जाती, लिंग, और धरम पर आधारित ज़ुल्मों  को ख़तम करें।

We work consciously towards a design practice which dismantles systems of caste, religion, and gender based oppression.



 

* This principle was inspired by and adapted from https://www.alliedmedia.org/about/network-principles 

Translation Credits:

Bhawna Parmar, New Delhi, Co-founder, Barabar Design (www.barabardesign.com)
Rubina Singh, New Delhi, Co-founder, Barabar Design (www.barabardesign.com)
Anushka Jajodia, Mumbai, India (www.anushkajajodia.com)
Harshit Yadav, Uttar Pradesh, India
Kamal Jajodia, Mumbai, India
Madhuri Advani, New Delhi, India 
Manyu Angrish, Chandigarh, India


 

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